Gaganyaan Mission
मिशन की समय-सीमा
- 6 मई 2025 को पीआईबी, दिल्ली में केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने खुलासा किया कि भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन गगनयान अब अंतिम चरण में है। पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान 2027 की पहली तिमाही Gaganyaan Mission (जनवरी–मार्च) में लॉन्च होने की योजना है pib.gov.in+1ddnews.gov.in+1।
🎯कानूनी रूपरेखा और प्रमुख तैयारियाँ
- परीक्षण उड़ानें (2025–2026)
- TV-D1: परीक्षण वाहन की पहला “abort” टेस्ट सफलतापूर्वक पूरा हुआ
- TV-D2: इस वर्ष के अंत तक दूसरा मानव रहित परीक्षण उड़ान कार्यक्रम में शामिल है ।
- Gaganyaan‑1 (G1): Q4 2025 में होने वाली यह पहली मानव रहित कक्षीय उड़ान Vyommitra ह्यूमैनॉइड रोबोट के साथ होगी youtube.com+5en.wikipedia.org+5space.com+5।
- इसके बाद 2026 में आमतौर पर दो और कक्षीय उड़ानें G2 व G3 के नाम से होंगी, जिनमें Vyommitra शामिल रहेगा ।
- मानवयुक्त मिशन – Q1 2027
- मिशन के तहत 3 भारतीय अंतरिक्ष यात्री (Vyomnauts) को लगभग 400 किमी की कक्षा में भेजा जाएगा ।
- Crew Module का डिजाइन 7 दिनों के मिशन को ध्यान में रखकर किया गया है ।
🛠तकनीकी और लॉजिस्टिक तैयारी
- लौन्च वाहन LVM3: मानव योग्य संस्करण, Crew और Service मॉड्यूल, और Crew Escape System पर अंतिम चरण की कार्यवाही चल रही है en.wikipedia.org+5pib.gov.in+5ddnews.gov.in+5।
- पैराशूट आरक्षण प्रणाली: Agra में विकसित, ड्रॉप टेस्ट सफल रहा और Sea Recovery ट्रेडिशनल अभ्यास पूरे हुए ddnews.gov.in+1pib.gov.in+1।
- Ground Communications: European Space Agency (ESA) के साथ मिलकर रेडियो नेटवर्क का परीक्षण भी हो चुका है ।
- Vyomnauts प्रशिक्षण: चार चयनित भारतीय वायुसेना पायलटों ने रूस में बेसिक प्रशिक्षण पूरा किया; अब भारत में मिशन-विशिष्ट प्रशिक्षण जारी है ।
💰बजट, स्पिनऑफ़ और आर्थिक प्रभाव
- पूंजी निवेश: अब तक का बजट लगभग ₹12,400–20,200 करोड़ (~US $1.8–2.3 बिलियन) तक विस्तारित हुआ है en.wikipedia.org।
- स्पिनऑफ़ टेक्नोलॉजी: रोबोटिक्स, सामग्री विज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स, दवा, AI व इतने क्षेत्रों में नवाचार हुआ है ।
- खर्च में उच्च प्रदर्शन: डॉ. सिंह ने कहा है कि इसकी लागत अन्य देशों के मानव मिशनों की तुलना में बहुत कम है, लेकिन फायदे बहुत अधिक हैं ddnews.gov.in+2pib.gov.in+2space.com+2।
🌍भारत की रणनीतिक और वैश्विक स्थिति
- स्पेस अल्टीमेट लैंडमार्क:
गगनयान के सफल होने पर भारत अमेरिका, रूस और चीन जैसी शीर्ष स्पेस पॉवर बन जाएगा pib.gov.in+1space.com+1। - भविष्य के चरण:
- भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS): पहले मॉड्यूल का लॉन्च 2028, पूरा निर्माण 2035 तक en.wikipedia.org।
- मानव चंद्र मिशन: लक्ष्य 2040 तक मानव भेजना pib.gov.in।
- राष्ट्रीय आत्मनिर्भरता और प्रेरणा:
यह मिशन “भारत का मिशन” बन चुका है, जिसमें स्वदेशी सार्वजनिक और निजी सहयोगी तकनीकें स्पष्ट रूप से सामने आई हैं ।
युवा वैज्ञानिकों, इंजीनियर और स्टार्ट-अप्स के लिए यह एक प्रेरक अभियान बन गया है ।
✅ संक्षिप्त सारांश
चरण | समय | विवरण |
TV-D1/D2 टेस्ट | 2024–2025 | abort व orbital परीक्षण |
Gaganyaan‑1 (G1) | Q4 2025 | Vyommitra रोबोट के साथ परीक्षण उड़ान |
G2 & G3 | 2026 | मानव रहित कक्षीय उड़ानें |
Crewed Mission | Q1 2027 | तीन Vyomnauts + 7 दिन |
Bharatiya Antariksh Station | 2028–2035 | प्रथम मॉड्यूल लॉन्च |
Human Moon Mission | ~2040 | मानव चंद्र मिशन लक्ष्य |
गगनयान अब अंतिम स्टेज में है और 2027 की पहली तिमाही हमें इंतज़ार की सीमा पर ले आई है। यह मिशन स्वदेशी तकनीक, किफ़ायती मॉडल और युवाओं को प्रेरित करने वाली शक्ति के रूप में स्थापित हो रहा है।
इस उड़ान में हम केवल अंतरिक्ष में नहीं जा रहे—हम भविष्य में उड़ान भर रहे हैं।
Gaganyaan mission
चेयरमैन ने यह भी कहा कि गगनयान भारत को आत्मनिर्भर अंतरिक्ष शक्ति के रूप में उभरने में मदद कर रहा है, जिससे वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और उद्यमियों की नई पीढ़ी को प्रेरणा मिल रही है। 2026 में होने वाले मानवयुक्त मिशन के साथ, भारत उन देशों के विशिष्ट समूह में शामिल होने के लिए तैयार है, जिन्होंने स्वतंत्र रूप से मानव अंतरिक्ष उड़ान की क्षमता विकसित की है।
जैसे-जैसे गगनयान केंद्रित सटीकता के साथ आगे बढ़ रहा है, यह न केवल वैज्ञानिक क्षमता में एक छलांग के रूप में कार्य करता है, बल्कि अंतरिक्ष में भारत की दीर्घकालिक आर्थिक और रणनीतिक आकांक्षाओं का एक शक्तिशाली प्रतीक भी है। Gaganyaan mission